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दुनिया भर के बच्चे, मां और भाषाएं - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-----विनय कुमार विनायकएक जैसे होते दुनिया भर के बच्चे!एक ही बाल-सुलभ हंसी-रुदन-कौतुकबच्चे चाहे हों अमेरिकी/अफगानी/तालिबानी/ब्रितानी/ईरानी/पाकिस्तानीभारतीय सप्तद्वीप-नौखण्ड में कहीं केएक जैसे होते दुनिया भर के बच्चे! दुनिया भर के बच्चों के,मां की कोख सेनिकलते ही के हूं—के हूं--कहां—कहां? केपहले सबाल में ही छिपी होतीविश्वभर की तमाम मानवीय भाषाएं! जिसे समझ लेती…