चिंतन-सृजन (1) : एक भारतीय कम्युनिस्ट की आत्मकथा - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
निर्मल वर्मा हिंदी में विचार-पत्रिकाओं की संख्या बहुत कम हैं। जो हैं भी, उनमें से अधिकांश अराष्ट्रीय विचारों से प्रेरित हैं। लेकिन इन विडंबनाओं के बीच कुछ पत्रिकाएं अभी भी ज्ञान-आलोक दीप प्रज्वलित कर रही है, इन्हीं में से प्रमुख है : त्रैमासिक पत्रिका 'चिंतन-सृजन'। इसके संपादक श्री बी.बी. कुमार…