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साहित्य व शिष्टता से दूर होती पत्रकारिता - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
निर्मल रानी आधुनिकता के वर्तमान दौर में परिवर्तन की एक व्यापक बयार चलती देखी जा रही है। खान-पान, पहनावा,रहन-सहन,सोच-फिक्र, शिष्टाचार, पढ़ाई-लिखाई, रिश्ते-नाते, अच्छे-बुरे की परिभाषा आदि सबकुछ परिवर्तित होते देखा जा रहा है। ज़ाहिर है पत्रकारिता जैसा जि़म्मेदारीभरा पेश भी इस परिवर्तन से अछूता नहीं है। परंतु परिवर्तन के इस…