चुनाव की तराजू में तुल रहे है वोट,धर्म जाति के पुराने बटटो से |

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चुनाव की तराजू में तुल रहे है वोट,धर्म जाति के पुराने बटटो से |
इससे भी जब काम न चलेगा,तब ये नेता तोलेगे अपने लठ्ठो से ||

किसका पलड़ा हल्का भारी होगा,ये तो समय ही सबको बतायेगा |
जब खुलेगे ई वी एम के ताले, सबको परिणाम पता लग जायेगा ||

मतदाता भी चुपचाप है ,वे भी अपने मन की बात नहीं बताते है |
जो नेता उनके घर आ जाता , उसकी हाँ में हाँ वे सब मिलाते है ||

कर रहे सारे नेता झूठे वादे ,मतदाताओं को खूब लुभाने को |
वह भी अब समझदार हो गया ,समझ रहा है अंदरखाने को ||

कर रहे है सब नेता रोड शो,अपनी पूरी ताकत दिखने को |
पर कोई नेता तैयार नहीं है उस रोड को अच्छी बनाने को ||

लगे है चारो तरफ बैनर झंडियाँ,यह सब वोटर को दिखाने को |
हमारे पास कितना पैसा है यह सब कुछ वोटर को दर्शाने को ||

कोई दे रहा है बहात्तर हजार कोई कह रहा कर्ज माफ़ करने को |
कोई कह रहा देश का विकास करूंगा कोई उसकी रक्षा करने को ||

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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