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राघवेन्द्र कुमार “राघव” जब गाय मिले चौराहों पर कुत्ता बैठा हो कारों में । तब ये आप समझ जाना कोई शहर आ गया । टकराकर तुमसे जवां मर्द बोले क्या दिखता तुम्हें नहीं । तभी वृद्ध दादा जी बोलें सॉरी बेटे दिखा नहीं । बस इतने से ही जान लेना…