फरेब का सामना- अनिका अरोड़ा

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sach_ka_saamnaकुछ सवाल जिसके सही-गलत जवाब पर कोई नारको, या मोमेंट्स ऑफ ट्रुथ जांचने वाली मशीन अपना फैसला नहीं सुना पाएगा। हमें किसी प्रोग्राम के ब्रॉडकास्ट होने या न होने पर सवाल करने का हक नहीं है। लेकिन हमें देखना होगा कि हमारी किसी भी सार्वजनिक गतिविधि से समाज का भला हो रहा है या नहीं। क्योंकि कोई भी मनोरंजन, अंत में सीख राह पर जाता दिखना चाहिए। वरना मनोरंजन और आवारागर्दी में कोई फर्क नहीं रह पाएगा। एक चीज हमें देखनी और समझनी होगी कि सिनेमा विशुद्ध मनोरंजन है, जहां वल्गेरिटी को न्यूडिटी और फिर न्यूडिटी को आर्ट में कन्वर्ट किया जाता है। चाहे वह हॉलीवुड हो बॉलीवुड, सबमें ये तीनों छन्नापत्र (अवांछित चीजें बाहर करनेवाला यंत्र) मुस्तैदी से काम करते हैं। इसलिए दोनों जगह ए, यू आदि कई सर्टिफिकेट की व्यवस्था की गई है।

सवाल है कि चैनल क्या दिखाना चाहता है। चैनल की बातों पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि वह मोमेंट्स ऑफ ट्रूथ की थीम से बंधा हुआ है। यानी पूरी तरह से कापी राइट उल्लंघन का मामला है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह विजुअल अनुवाद का मामला है। किसी भी विजुअल अनुवाद में फॉर्मेट वही रहता है, पात्र बदलते हैं, मुहावरे, लोकोक्तियां बदलते हैं (अनुवाद के समाज की परंपरा और मान्यताओं के हिसाब से)। अगर यह सच है तो समाज और चैनल को खुद यह सोचने की जरूरत होनी चाहिए कि क्या उनके सवाल भारतीय परंपराओं, मान्यताओं से सने शब्दों-मुहावरों-लोकोक्तियों का सही इस्तेमाल कर पाए हैं। शो से किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए, न है। लेकिन अगर मामला किसी भी जतन से चैनल युद्ध में अपने को फिर से स्थापित करने के कुत्सित प्रयास का है तो सचमुच निंदनीय बात है।

मुझे पता है लोग रिजल्ट ओरिएंटेड हो गए हैं और फिर किसी भी किस्म की वैचारिक, सैद्धांतिक, व्यावहारिक श्असहमतिय की महत्ताा इस बात में है कि जिस व्यवस्था या व्यवस्था के जिस एंगल पर असहमति है, उससे बेहतर प्रारूप पेश किया जाए। सो मैं यहां कुल 21 सवाल पेश कर रहा हूं, जो किसी विधि सच का सामना या मोमेंट्स ऑफ ट्रूथ के सवाल से कम नहीं हैं, लेकिन इस बात की गारंटी लेता हूं कि इसमें भौंडेपन का सर्वथा अभाव है। कोशिश की गई है कि सवाल को कला दीर्घा में रखा जाए, अगर दिमागी कसरत की किसी कमी से कुछ सवाल नंगेपन की श्रेणी में खड़े दिखें तो यह मेरी असफलता है। फिलहाल आप सवालों पर तनिक चिंतन करें। इसमें हमने परंपराओं, मान्यताओं, वास्तविकताओं, डेली लाइफ के विरोधाभासों और समसामयिक (राष्ट्रीय,अंतरराष्ट्रीय) सच का घालमेल किया गया है।

1-आप अपने पिता की चाहत का नतीजा हैं?

2-आप कुंवारे हैं या अविवाहित?

3-आपने सेक्स पहली बार घर में देखा?

4-क्या आपने धारा 377 का इस्तेमाल अपने हक में किया?

5-आप अपनी चौथी संतान को अपना नाम देंगे?

6-क्या आप स्वीमिंग पूल के पानी से प्रेग्नेंट हुईं?

7-आपकी तीसरी बेटी आपको मां संबोधन देती है?

8-घर में अकेली होने पर, कभी आपने नौकर को रात में रूकने का प्रस्ताव किया है?

9-क्या आपने कार की पिछली सीट का बिछावन की तरह इस्तेमाल किया है?

1.-क्या आप अपनी बेटी को अगले जन्म में पत्नी बनाना चाहेंगे?

11-4. साल की सेलेब्रिटी लाइफ में आप अभी तक अविवाहित हैं। क्या आप वर्जिन हैं?

12-क्या आप अपनी जिंदगी से खुश हैं?

13-अपनी लाइफ पार्टनर को सजता देखकर मुंह में पानी आता है?

14-बेडरूम में साथ सोते हुए किसी दूसरे का ख्याल आया है?

15-क्या आप अपना हाथ जगन्नाथ वाली फिलॉसोफी में यकीन करते हैं?

16-क्या आपने किसी को धोखा दिया है?

17-क्या आप अपने पार्टनर की डेली जासूसी करते हैं?

18-अपनी सेक्सुअल लाइफ एक्स ब्वॉय फ्रेंड-गर्ल फ्रेंड से शेयर करते हैं?

19-अपना अश्लील एमएमएस आपने खुद बनवाकर बंटवाया?

2.-आपके बच्चे, आपके थ्रू सेक्सुअल अवेयर हुए?

21-क्या आपने बच्ची की संभावना से अबॉर्शन करवाया?

आप महसूस करेंगे कि सभी सवाल नितांत वैयक्तिक हैं, जिसके जवाबों को कोई भी शख्स स्विस बैंक के लॉकर में लॉक करना चाहेगा। अंत में निवेदन सिर्फ इतना है कि हम सब जानते हैं हम कैसे पैदा हुए, लेकिन कभी नहीं कहते कि स्पर्म की अच्छी क्वालिटी से हम स्वस्थ पैदा हुए, बल्कि ये कहते हैं कि माता-पिता के आशीर्वाद से स्वस्थ हैं। गॉट इट!

1 COMMENT

  1. Iam highly impressed with your thoughts and your 21 questions which are purely personsal and nobody want to accept in front of public, except for publicity .one more thing i want to mention that everybody how he or she came to this world but nobody want to discuss it,because here comes self emotions but why we comments on others ??

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