आओ भारत को आत्मनिर्भर बनाए

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आओ भारत को आत्मनिर्भर बनाए,
हर दृष्टि से इसे शक्तिशाली बनाए,
जों इसके विकास में रोड़ा अटकाए,
उसे हर तरीके से हम उसे समझाए।

आओ भारत को ऐसा देश बनाए,
सुंदर,सजग,सशक्त व सरल बनाए,
जो देखे इस देश को कुदृष्टि से,
उसको सब मिलकर दृष्टिहीन बनाए।

आओ हिंदी को सबकी भाषा बनाए,
इसे बोलचाल की हम भाषा बनाए,
जिनको नहीं आती हो हिंदी भाषा,
उनको हम हिंदी भाषा सिखलाए।

आओ भारत को कोरोना मुक्त बनाए,
इसकी वैक्सीन हम जल्द ही बनाए,
जो करे देश के नियमो का उल्लघन,
उस पर हम सब भारी दण्ड लगाए।

चीन पाक को कभी मित्र न बनाएं,
उनसे हम सब मिलकर दूरी बनाए,
उनके झांसे में हम कभी न आए,
उनकी हरकतों पर निगाह बनाए।।

आओ हम सब शिक्षा दिवस मनाए,
देश के हर नागरिक को शिक्षित बनाए,
जब तक देश का नागरिक रहेगा अशिक्षित,
तब तक हमारा देश आगे न बढ़ पाए।।

आओ देश को शक्तिशाली बनाए,
रक्षा सामग्री यहां सभी हम बनाए,
ताकना न पड़ें मुंह किसी और देश का,
उपकरणों में देश को आत्मनिर्भर बनाए।।

आओ बेरोजगारों को रोजगार दिलवाए,
छोटे छोटे उद्योग धंधे हर जगह खुलवाए,
तभी हटेगी इस देश की बेरोजगारी,
हर हाथ को कोई न कोई काम दिलाए।।

आओ अयोध्या में राम मंदिर बनाए,
इसे सारे विश्व का तीर्थस्थल बनाए,
जब बन जाएगा अयोध्या में राममंदिर,
सभी को विश्व में रामलला के दर्शन कराए।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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