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आ जाओ शरण धूनीश्वर की - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
ए दिल, तू पुकार धूनीधर को,तेरी टेर सुनेंगे कभी न कभी।वे दीनदयाल हरिहर हैदिन तेरे फिरेंगे कभी न कभी ।हे मोहन मधुर प्रभाधारी,जब देखें नजर परम प्यारी।बस धन्यं बने तू उसी क्षण में,तेरा दर्द हरेंगे कभी न कभी।दर पर नित फेरी लगाता जाअपना दुख दर्द सुनाता जा।जब मौज में आयेंगे…