संयम और संकल्प के बदौलत कोरोना वायरस पर विजय संभव

अवधेश कुमार सिंह

कोरोना वायरस (COVID 19) महामारी की वजह से आज भारत समेत लगभग पूरी दुनिया एक अभूतपूर्व संकट का सामना कर रही है। चीन के वुहान शहर से शुरू हुई इस जानलेवा महामारी का खौफ कितना भयवाहक है कि दुनिया के जो शहर कभी अपने राजाओं व शासकों की मृत्यु के समय भी उनके शोक पर बंद नहीं हुए दुनिया के उन कोरोना प्रभावित कई शहरों में पूरी तरह शट डाउन देखा जा रहा है। जो बड़े से बड़े आयोजन अथवा कार्यक्रम कभी रद्द नहीं हुए उन्हें कोरोना की दहशत ने अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करा दिया है। विश्व के अनेक राष्ट्राध्यक्ष अपने देश की जनता को अपनी अपनी सोच के अनुरूप संबोधित कर चुके हैं। चुकि इस घातक बीमारी का अभी तक कोई कारगर इलाज नहीं है इसलिए विश्व के शक्तिशाली शासको के सम्बोधन में विवशता एवं लाचारी साफ झलक रही है। इस वैश्विक महामारी के दुष्प्रभाव से भारत अछूता नहीं रहा और कोवाइड-19 यहां भी कोहराम मचाना शुरू कर दिया है। खतरे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई बार राष्ट्र के नाम अपने संदेश में देशवासियों से बचाव के लिए संयम का संकल्प लेने का आव्हान किया और घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार 19 मार्च की रात राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कोरोना संकट को लेकर अपने सम्बोधन में जिस प्रकार देशवासियों से बचाव के लिए स्वयं संयम का संकल्प लेने का आव्हान किया, उसके बाद तो देश के हर नागरिक को भली-भांति समझ में आ गया होगा कि कोरोना के आसन्न खतरे को हल्के में लेना देश के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से एक हफ्ते का समय मांगते हुए लोगों को इसके बारे में जागरूक करने और 22 मार्च को प्रातः 7 बजे से रात 9 बजे तक देशभर में ‘जनता कर्फ्यू’ लगाने का आव्हान किया। देशवासियो ने भी 22 मार्च को देशभर में ‘जनता कर्फ्यू’ को सफल बनाकर और करोना योद्धाओं के सम्मान में थाली और ताली बजाकर साबित कर दिया कि इस लड़ाई में भारतीय जनता अपने प्रधानमंत्री के साथ है। ‘जनता कर्फ्यू’ को सफलता के बाद प्रधानमंत्री ने भारत में कोरोना संक्रमितों के लगातार बढ़ते आंकड़ा को देखते हुए 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दियाI फिर ५ अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर कोरोना वायरस की महामारी के खिलाफ जंग में फिर एक बार पूरा देश अपनी सशक्त मौजूदगी दर्ज कराई। रात नौ बजते ही 9 मिनट के लिए प्रायः सभी लोगों ने अपने घरों की बत्तियां बुझाकर दीये-कैंडिल, टॉर्च या मोबाइल मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट जलाकर रोशनी की। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संदेश में यह अपील करते हुए कहा था कि आशा और विश्वास की एक किरण बड़े से बड़े अंधकार को दूर कर सकती है। सम्पूर्ण देशवासियो ने रविवार रात 9 बजे लोगों ने प्रधानमंत्री की अपील को साकार कर दिखाया और कोरोना वॉरियर्स को पूरा समर्थन दिया। इतना ही नहीं,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार मार्च को देश की जनता को एकबार फिर संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह से 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान देश की जनता ने अनुशासित सिपाही की तरह भूमिका निभाई है, वह प्रशंसनीय है। पीएम मोदी ने कहा, ‘राज्ये सरकारों के साथ हुई मेरी वार्ता और कुछ और लोगों से हुई बातचीत में एक ही बात सामने आ रही थी कि हमें लॉकडाउन को बढ़ाना चाहिए। इसलिए लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाया जा रहा है। इस दौरान पीएम मोदी ने उन दो अहम चिंताओं के बारे में भी बात की जिसकी वजह से सरकार को यह फैसला लेना पड़ा है। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस बहुत तेजी से पूरी दुनिया में फैल रहा है। लोगों को इसे फैलने से रोकना है और हॉटस्पाोट्स नहीं बनने देना है। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री ने आरोग्य सेतु ऐप को लोकप्रिय बनाने और अधिक संख्या में डाउनलोड सुनिश्चित करने के बारे में भी बात की। और ऐप में ई-पास होने की संभावना का भी उल्लेख किया, जो बाद में एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा की सुविधा प्रदान कर सकता है। खैर सरकार तो अपना काम कर ही रही है, हमें भी इस कठिन घड़ी में अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। देश के एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर हम में से हरेक को सावधानी बरतनी है कि यह देश में हमसे किसी दूसरे को न फैले। दरअसल अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसी स्थिति में भारत में कोरोना के गहराते खतरे को देखते हुए हर किसी की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। चुकि बचाव ही इसका फ़िलहाल असली उपाय है अतेव प्रधानमंत्री जी ने भी कई बार कहा कि “संकल्प और संयम से ही इस बीमारी से जंग जीती जा सकती है । आज देश की १३० करोड़ जनता को संकल्प लेना होगा कि संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को बचाएंगे । ”हम स्वस्थ, जगत स्वस्थ” नामक मंत्र का पालन करना होगा।“ सके लिए बेहद जरूरी है कि हम सरकार के तमाम दिशा-निर्देशों का पालन करें। इसतरह संयम और संकल्प के द्वारा कोरोना वायरस पर विजय प्राप्त की जा सकती है। कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रणनीतियों को पूरी दुनिया ने सराहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना से लड़ने के लिए भारत पहले से ही तैयार था और भारत सरकार ने कोरोना को लेकर कोई भी जानकारी नहीं छिपाई। कुछ अन्य वैश्विक हस्तियों ने भी कहा है कि भारत ने कोरोना से लड़ने के लिए बेहतरीन कार्य किया है और भारत इसके खिलाफ साहसिक तथा निर्णायक कदम उठा रहा है। वायरस विशेषज्ञों का मानना है कि इस घातक बीमारी का अभी तक कोई कारगर इलाज नहीं है वहीं सोशल मीडिया के ‘महाज्ञानी’ लोग कोरोना को लेकर बेतुका ज्ञान बांट रहे हैं और कोरोना को भगाने की उलजुलूल सलाह दे रहे हैं। नोवेल कोरोना श्वसन संबंधी रोग है और कोरोना वायरस को 75 प्रतिशत अल्कोहल छिड़कने तथा उससे साफ करने से ही मारा जा सकता है, शराब पीकर नहीं। आज के समय में सोशल मीडिया पर फैलती अफवाहों पर तत्काल प्रभाव से अंकुश लगाए जाने की सख्त जरूरत है। प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है कि देश को कोरोना के बड़े खतरे से बचाने के लिए ऐसी अफवाहों से बचते हुए केवल सरकार तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का ही पालन किया जाए। अच्छा होगा, अगर कोरोना को लेकर बेतुके ज्ञान बांटने के बजाय सोशल मीडिया प्लेटफार्म का लोगों को जागरूक करने के लिए बेहतर उपयोग किया जाए। अन्यथा इसका दुष्परिणाम अत्यंत भयवाहक होगा। गौरतलब है कि कोवाइड-19 सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट में बदल चुका है, ऐसे में हमें स्वयं समझदारी का परिचय देना चाहिए क्योंकि कई बार गलत सूचनाओं के कारण समाज में दहशत का माहौल भी बन जाता है। प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है कि देश को कोरोना के बड़े खतरे से बचाने के लिए ऐसी अफवाहों से बचते हुए केवल सरकार तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का ही पालन किया जाए। बेेहतर होगा कि कोरोना को लेकर बेतुके जोक बनाने और फारवर्ड करने के बजाय लोगों को जागरूक करने के लिए संदेश भेजे जाएं ताकि लोग कोरोना को लेकर हर वो जरूरी बातें जान सकें तो आज के समय में हर किसी के लिए जानना जरूरी है। किन्तु दुर्भाग्य की बात है कि एक ओर जहां कोरोना का खतरा गहरा रहा है, वहीं सोशल मीडिया के जरिये कोरोना को लेकर बहुत सारी अफवाहें भी फैलाई जा रही हैं, कोरोना को लेकर मजाक बनाया जा रहा है, आज की परिस्थितियों को देखते यह सब ठीक नहीं है। सोशल मीडिया के इस तरह के दुरूपयोग पर लगाम लगाए जाने की जरूरत है। दुनियाभर के विशेषज्ञ एक स्वर में कह रहे हैं कि कोरोना की अब तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है और न ही इसका कोई इलाज है, हालांकि चीन, अमेरिका और इजराइल वैक्सीन बनाने की दिशा में अब इंसानों पर परीक्षण कर रहे हैं । दुनियाभर में 50 से ज्यादा मेडिकल इंस्टीट्यूट और कंपनियां कोविड – 19 का वैक्सीन बनाने में दिन-रात जुटी हैं। यूएस बायोमेडिकल एडवांस रिसर्च एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी इसके लिए प्राइवेट कंपनियों के वैज्ञानिकों को साथ लेकर आगे बढ़ रही है। फ्रेंच कम्पनी सनोफी पाश्चर और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियां इस प्रोजेक्ट में साथ काम कर रही हैं। पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के स्ट्रेन को अलग करने में सफलता प्राप्त कर ली है। वायरस के स्ट्रेन्स को अलग करने से इसकी जांच के लिए किट बनाने, दवा का पता लगाने और टीके का शोध करने में काफी मदद मिल सकेगी। इन प्रयोगों के नतीजे जो भी हों लेकिन इतना तो निश्चित है कि इसकी दवा आने तक मानव सभ्यता को कोरोना नामक इस खतरनाक संक्रामक बीमारी की कीमत चुकानी होगी। ऐसी स्थिति में खुद का बचाव ही एकमात्र उपाय है अर्थात संयम और संकल्प के बदौलत कोवाइड-19 पर विजय पाया जा सकता है। अतः सरकार तो इस दिशा में अपना काम कर ही रही है, हमें भी इस कठिन घड़ी में अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। देश के एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर हम में से हरेक को सावधानी बरतनी है कि यह देश में हमसे किसी दूसरे को न फैले। प्रधानमंत्री जी ने भी कई बार कहा कि “संकल्प और संयम से ही इस बीमारी से जंग जीती जा सकती है । संयम का तरीका है – भीड़ से बचना , घर पर रहना और सोशल डिस्टैन्सिंग (सामाजिक दूरी) बनाये रखना I आज देश की 130 करोड़ जनता को संकल्प लेना होगा कि संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को बचाएंगे । ”हम स्वस्थ, जगत स्वस्थ” नामक मंत्र का पालन करना होगा।“ कोरोना से बचाव का सबसे बेहतर उपाय यही है कि भीड़भाड़ वाली जगहों से दूरी बनाएं, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें, घर में खिड़कियां खोलकर ताजा हवा अंदर आने दें, हाथ साबुन से बार-बार धोते रहें, किसी से हाथ न मिलाएं, एक मीटर की दूरी से बात करें तथा अच्छी तरह पका हुआ भोजन ही खाएं। कोरोना संक्रमण को लेकर कुछ भी आशंका होने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। सके लिए बेहद जरूरी है कि हम सरकार के तमाम दिशा-निर्देशों का पालन करें। इसतरह संयम और संकल्प के द्वारा कोरोना वायरस पर विजय प्राप्त की जा सकती है।

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