बच्चो व दादी में वार्तालाप

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बच्चे बोले दादी से,
दादा बाहर क्यो नहीं जाते
हमे घुमाने क्यो नहीं जाते ।
दादी बोली,बाहर कोरोना बैठा है
दरवाजे पर ताला लगाए बैठा है
इसलिए दादा बाहर नहीं जाते।।

बच्चे फिर दादी से बोले,
कोरोना क्या होता है,
उससे डर क्यो लगता है,
दादी बोली,
कोरोना एक महामारी है
जिससे बचना बड़ा भारी हैं

बच्चे फिर दादी से बोले,
अगर कोरोना भारी है
उसे मिलकर हम उठाएंगे
अगर वह महामारी है तो
डॉक्टर को हम बुलाएंगे
उसको इंजेक्शन लगवाएंगे

दादी बोली बच्चो की सुन भोली बाते
बच्चो को कैसे समझाए ?
भोले है ये कैसे इन्हे समझाए ?
सोचे सभी उपाय दादी ने
पर कोई अक्ल में न आए।
दादा झट से बोले बच्चो से
कोरोना का कोई इंजेक्शन नहीं बना है कैसे डॉक्टर उसे लगाए
जब इंजेक्शन बन जाएगा इसका
तभी तुम्हे घुमाने ले जाए।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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