कोरोना है इम्तिहानों का दौर

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लौट आयेगी सभी खुशियां,
अभी कुछ गमो का दौर है।
जरा संभल कर रहो अभी,
ये इम्तिहानों का दौर है।।

बुरा वक़्त ये आया है,
अच्छा वक़्त भी आयेगा।
विश्वास कर ऊपर वाले पर,
ये बुरा वक़्त भी टल जायेगा।।

कर इबादत ऊपर वाले की,
वहीं मदद तेरी कर पायेगा।
ये बुरा वक़्त है चंद महीनों का,
चन्द महीनों में कट जायेगा।।

पहले भी आई थी मुसीबतें,
इतिहास है इसका गवाह।
मत घबरा इस वक़्त तू,
न कर इसकी अब परवाह।।

आती हैं सभी पर मुसीबतें,
चाहे गरीब हो या शहनशाह।
अभिताभ पर आया बुरा वक़्त
जो है फिल्मों का शहनशाह।।

करे हिफ़ाज़त हम अपनी,
और अपने पूरे परिवार की।
घर से बाहर न निकले अभी,
यह दवा कोरोना के उपचार की।।

यह मुसीबत तेरे पर नहीं,
पड़ी है सारे संसार पर।
चन्द महीनों की बात है,
ऊपर वाले पर विश्वास कर।।

कोरोना है इम्तिहान का दौर,
यह भी ख़तम ही जायेगा।
लेते है भगवान परीक्षा सभी की,
इस परीक्षा मै पास हो जायेगा।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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