टीवी पर क्राइम नंबर 1

criminalहमारे घर में उपलब्ध छोटे पर्दे ने हमारी रोजमरा  की ज़िन्दगी में एक नया भूचाल ला दिया हैं। जहाँ  पहले हमे टीवी पर सास बहु और साजिश का एंटरटेनमेंट पैकेज  मिलता था , वो कुछ वक़त बाद रियलिटी में तब्दील हो गया हैं। हर समय जहाँ  कौन बनेगा करोडपति  और बिग बॉस जैसे शो हमें फुल टु  एंटरटेनमेंट का मजा देते हैं वही इन सब के बीच सच्ची घटनाओ  पर आधारित सीरियल ने बड़े ही रोचक तरीके से हमारा ध्यान अपनी तरफ खीचा है। समाज में हो रहे क्राइम ने अपनी रफ़्तार में इस तरह तेजी की हैं समाचार चैनेलो  के साथ साथ मनोरजक चैनेलो   ने भी क्राइम को अपनी पहली पसंद बना लिया हैं। सबसे पहले सोनी चैनल पर आने वाले शो क्राइम पेट्रोल ने समाज में तेजी से हो रहे अपराध, अत्त्याचार, बलात्कार जैसे अनगिनत घटनाओ  को एक दिलचस्प और देल्हादेनी हकीकत  को कहानी के रुप में दर्शको से रूबरू करवाया। लोगो में इन घटनाओ   को देखने की इतनी दिलचस्पी बंध  गई की इसके रिपीट टेलीकास्ट की गिनती ने भी जोर पकड़ लिया . सची घटनाओ को अपनी ताकत बनाते हुए अब हर बड़े चैनल ने इसकी शुरुवात करदी हैं। युवाओ के बीच लोकप्रिय चैनल  वी  ने म्यूजिक मस्ती और डांस के बीच  युवाओं पर आधारित सची क्राइम स्टोरी को गुमराह सीरियल के जरिये अब हर उम्र  के लोगो का ध्यान अपनी तरफ खीच लिया हैं। हाल ही में आये नए चैनल लाइफ ओके ने सावधान इंडिया- जुर्म की सच्ची घटनाओ  को अपना टी आर पी  मन्त्र बना लिया हैं।नया चैनल होने क बावजूद अपने इसी मन्त्र को धारण कर  लाइफ ओके ने अन्य लोकप्रिय चनेलो के बीच अपनी नयी पहचान बनाई हैं। वही इन सब के बीच में कलर्स  चैनल ने साल के सबसे बड़े रियलिटी शो बिग बॉस के ख़तम होते ही दर्शको को शैतान- दी  क्रिमिनल माइंड के क्राइम जाल में फसा लिया।

इन सारे क्राइम बेस्ड सीरियल के प्रोमो को अन्य प्रोग्रामो के बीच आने वाले ऐड में इस तरह प्रस्तुत किया जाता हैं की आनेवाले एपीसोड बड़े ही आसानी से दर्शको को देखने पर मजबूर करता हैं।  इन क्राइम पर आधारित सीरियल की आसमान छुती टी आर पी  की खासकर तीन   वजह है पहली इनका सच्ची घटनाओ पर आधारित होना, दूसरा आने वाले एपिसोड का प्रोमो और तीसरा इनके दिखने का तरीका। इस सच्ची घटनाओ को सस्पेंसे ड्रामा और मसालों को एक एपिसोड के जरिये इस तरह दिखायाजाता हैं की ये लोगो की भावनाओ पर   काबू पा लेता हैं।   लोगो पर इसका जादू इस कदर छाया हैं की शनिवार और रविवार वाले छुट्टी के दिन भी इनके पहले से देखे हुए एपिसोड को भी बड़े चाव से देखा जाता हैं। कई माता पिता तो अपने बच्चो को क्राइम पर आधारित सीरियल से कोसो दूर रखना चाहते हैं तो कई समाज में बड़ रहे अपराधो को इन टीवी सीरियल के जरिये अवगत करना चाहते हैं। खेर  ये तो अपनी अपनी पसंद नापसंद की बात हैं, लेकिन इन क्राइम सीरियल के चलते अन्य सीरियल की टी आर पी को काफी नुकसान झेलना पड़ा हैं। कही ऐसा न हो की लोकप्रियता के चलते आने वाले दिनों में केवल शुक्रवार शनिवार और रविवार के साथ साथ हफ्ते के हर दिन क्राइम का साया सीरियल के रूप में दर्शको पर छाया रहे।

प्राची आर दीक्षित 

1 COMMENT

  1. बर्बाद कर दिया है इसने, हमारा सामाजिक ढांचा तार तार हो रहा है,व्यक्ति संवेदना शुन्य हो गया है,पहले तो फ़िल्में ही आगे थी , अब इसने भी लोगों के अपराधीकरण की ट्रेनिंग का जिम्मा ले लिया है,असली अपराधों को कहानीगत रूप में दिखाकर,वे क्या सन्देश देना चाहते हैं?यही हाल समाचार चैनलों का है.हम आने वाली पीढ़ियों का भविष्य बर्बाद कर रहें हैं,बाद में पछताने के लिए भी कुछ नहीं बचेगा पर करे कौन? समाज?जो नए व पाश्चात्य के पीछे भाग रहा है?नैतिकता को ताक पर रख दिया है.सरकार ?जिसे सामाजिक ताने बाने से शायद कोई लेनदेन रहा ही नहीं.बहुत ही विचारनीय है इस पर देखना.

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