सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय परिसंवाद

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भोपाल में 17 मई को नया मीडिया मंच और प्रवक्ता डॉट कॉम का आयोजन-

भोपाल, 13 मई। नया मीडिया मंच और प्रवक्ता डॉट कॉम के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सोशल मीडिया’ एवं ‘युवा, राजनीति और सोशल मीडिया’ विषय पर विचार-विमर्श किया जाएगा। परिसंवाद का आयोजन 17 मई को स्वराज भवन में दोपहर 3 बजे से शुरू होगा। आयोजन में देशभर के विद्वान शामिल होंगे।

राष्ट्रीय परिसंवाद के संयोजक डॉ. सौरभ मालवीय ने बताया कि कार्यक्रम दो सत्रों में होगा। पहले सत्र में ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सोशल मीडिया’ जैसे गंभीर विषय पर विचार मंथन किया जाएगा। इस सत्र के मुख्य अतिथि पाञ्चजन्य, नई दिल्ली के संपादक हितेश शंकर होंगे और अध्यक्षता हरिभूमि, भोपाल के संपादक डॉ. संतोष मानव करेंगे। सत्र में वक्ता के नाते एबीपी न्यूज, मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के ब्यूरो प्रमुख श्री बृजेश राजपूत और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के अध्यक्ष श्री संजय द्विवेदी मौजूद रहेंगे। जबकि दूसरे सत्र में ‘युवा, राजनीति और सोशल मीडिया’जैसे समसामयिक विषय पर विमर्श किया जाएगा। इस सत्र के मुख्य अतिथि आईबीएन-7 के उत्तप्रदेश ब्यूरो प्रमुख श्री शलभ मणि त्रिपाठी होंगे और अध्यक्षता लोकमत समाचार के मध्यप्रदेश के ब्यूरो प्रमुख श्री शिवअनुराग पटेरिया करेंगे। वक्ता के नाते इंडिया न्यूज की मध्यप्रदेश प्रमुख सुश्री दीप्ती चौरसिया और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री मनोरंजन मिश्रा होंगे। डॉ. मालवीय ने बताया कि राष्ट्रीय परिसंवाद में शामिल होने के लिए प्रवक्ता डॉट कॉम के संपादक श्री संजीव सिन्हा, श्री शिवानन्द द्विवेदी, श्री प्रकाश नारायण सिंह, सुश्री पश्यन्ती शुक्ला, श्री अमरनाथ झा और श्री पृथ्क बटोही सहित अन्य विद्वान देशभर से भोपाल आएंगे।

1 COMMENT

  1. जहाँ स्कूल प्रिंसिपल बच्चों को माइक पर सिखाते हैं ‌-” हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है, बड़ों के पाँव छूना गुलामी की निशानी है…………”
    पाकिस्तानी बार्डर के उस इलाके में जहाँ स्कूल प्रिंसिपल बच्चों को हिंदी दिवस के दिन माइक पर सिखाते हैं ‌-” हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है, बड़ों के पाँव छूना गुलामी की निशानी है, गाँधीजी पुराने हो गए उन्हें भूल जाओ, सभी टीचर अपनी डिग्रियाँ खरीद कर लाते हैं तथा आपके माँ-बाप भी डाँटें तो पुलिस में केस कर सकते हो।” असहमति जताने पर 11सालों तक स्थाई रूप में काम कर चुके आकाशवाणी राजकोट के वार्ताकार तथा सबसे पुराने योग्य-अनुभवी हिंदी शिक्षक/ शिक्षिकाओं व उनके परिवारों को बड़ी बेरहमी से प्रताड़ित करके निकाला जाता है। स्थानीय विधायकों, रिलायंस अधिकारियों के साथ-साथ धृतराष्ट्र की तरह अंधी राज्य सरकार भी बार-बार निवेदन के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं —– पूरा खानदान ही खूनी है, मुकेश अम्बानी पेट्रोल – डीजल के दाम बढ़वाकर महँगाई बढ़वाकर देश को लूट रहे हैं, मना करने पर रातोंरात श्री जयपाल रेड्डी को हटवाकर वीरप्पा मोइली को पेट्रोलियम मंत्री बनवाकर लूट जारी रखे हैं। नीता अम्बानी के.डी. अम्बानी विद्या मंदिर रिलायंस स्कूल जामनगर ( गुजरात ) की चेयरमैन हैं और वहाँ हिंदी शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ जानवरों जैसा सलूक होता है । कई लोगों ने प्रताड़नाओं से तंग आकर आत्मह्त्या तक कर लिया है, जिनपर लिखित और मौखिक शिकायत करने के बाद तथा महामहिम राष्ट्रपति-राज्यपाल और प्रधानमंत्री का जाँच करने का आदेश आने के बावजूद भी रिलायंस की हराम की कमाई डकार कर गुजरात सरकार चुप बैठी है ।—— ————————- रिलायंस जामनगर (गुजरात) में भोले-भाले लोगों को सब्ज बाग दिखाकर उनकी रोजी छुड़वाकर बुलाया जाता है फिर कुछ समय बाद इतना प्रताड़ित किया जाता है कि वे या तो आत्महत्या कर लेते हैं या उन्हें निकालकर बाहर कर दिया जाता है जैसा हम दोनों के साथ हुआ है इसलिए सच्चाई बताकर लोगों को मरने से बचाना सबसे बड़ा धर्म है अधिकतम लोगों को संदेश पहुँचाकर आप भी पुण्य के भागी बनिए…………….!!!
    ( मैं गुजरात में पिछले 15 सालों से रहकर अम्बानी की सच्चाई देख रहा हूँ -11 साल तो अम्बानी की लंका ( रिलायंस ) में भी रहा हूँ कोई भी ईमानदार आदमी इन लोगों की तरह नहीं रहना चाहेगा ! पूरे रिलायंस को तो एक मिसेज बारोत ( जिनके सिर पर देवी जी आती हैं) उनके दरबार में एच.आर.हेड की पत्नी भक्तों को चाय बनाकर पिलाती हैं- बड़े-बड़े रिलायंस अधिकारियों को भी वहाँ आकर माता जी के पैर छूना पड़ता है ( ये है अंधविश्वास की पराकाष्ठा )) !!! रिलायंस जामनगर के बारे में आप जानते नहीं हो – वहाँ आए दिन लोग आत्महत्याएँ कर रहे हैं ! उनकी लाश तक गायब कर दी जाती है या बनावटी दुर्घटना दिखाया जाता है —-
    उक्त स्कूल की घटना तथा पेट्रोलियम मंत्री रेड्डी साहब का हटाया जाना इस बात को प्रमाणित करता है, ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बात है कि- – – – – – ऑब्जर्वेसन समय में कार्य संतोषजनक न होने पर ‘ मिस्टर झाला ’ तथा ‘ मिसेज धारा साह ’ को भी प्रिंसिपल सुन्दरम ने निकाल दिया था पर वे दोनों टीचर रिलायंस कम्पनी के एच.आर. हेड श्री योगेश पटेल से मिले और संतोषजनक न होने के बावजूद वे आज भी रिलायंस स्कूल जामनगर में काम कर रहे हैं । जबकि डॉ. अशोक तिवारी 10 साल पुराने कंफर्म शिक्षक थे सभी की संतुष्टि पर ही कंफर्म हुए थे निकाल दिये गए :- क्या इसलिए कि वे : – – – – –
    गुजरात के बाहर के हैं या इसलिए कि वे जेंटस टीचर हैं या इसलिए कि वे राष्ट्रभाषा हिंदी के शिक्षक और प्रेमी हैं या क्षेत्रवाद का कोई अन्य उद्दंड रूप के कारण ये हुआ है ? ..अपने मुख पत्र “सामना” के सम्पादकीय में शिव सेना ने कुछ ऐसे ही प्रश्न उठाए हैं ( देखिए राजस्थान पत्रिका- 26 /6 /13 पेज न.01 तथा प्रधानमंत्री महोदय के साथ पत्रिकायन में पेज नं. 04) !

    भारतीय सभ्यता- संस्कृति के लिए ऐसी घटनाएँ विशेषकर उग्र क्षेत्रवाद की बहुत बड़ी चुनौती बन चुकी हैं ???

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