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धन धरती का चीज बेटी कोख में उगती - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
---विनय कुमार विनायकबेटा पतोहू ठुकराए तो बेटी काम आती,बेटा गेहूं की बाली है तो बेटी धान होती! वह मौत भी क्या जो आंखें नम न हो,कोई रोए ना रोए जनाजे पर बेटी रोती! बेटा है कि सबकुछ बांट लेता, डांट देता,बेटी खामोश हो के मन मसोस के रहती! बेटी को…