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फूलों जैसी कली है बेटी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
प्रियंका कोशियारी कपकोट, उत्तराखंड फूलों जैसी कली है बेटी। तितली जैसी उड़ान है उसकी। कर सकती है वो भी सबकुछ। अपने पिता की शान है वो। मेहंदी के रंग के बदले। हाथों में होगी कलम उसके।। ना बांधो यूं ज़ंजीरों में उसको। तोड़ दो सारे बंधन उसके।। साक्षरता का दीप जलाकर।…