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बेटी अतिथि भर होती - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
--विनय कुमार विनायककिसी बेटी से पूछोकितना त्रासद हैअपनी जननी-जन्मभूमि के लिएमेहमान हो जाना! बेटी जो जन्म लेती बेटे के मानिंदएक जोड़ी जिस्म केएकीकृत रज-वीर्य से संपृक्त! एकमेव गुणसूत्रों के योग सेएकाकार पारद सा द्विआत्माओं केअद्वैत मिलन से एक समान! कन्या दान के बाद हीकरार दिया जाता मेहमानदहलीज लांघते ही हो…