दबिश दावतखोरों की
पंडित सुरेश नीरव यह देश एक दावतप्रधान देश है। विवाह-शादी,नामकरण-सालगिरह-मुंडन,रिटायरमेंट और तेरहवीं के ब्रह्मभोज पर हंसते-हंसते दावत का दंड भोगना भारत के हर शरीफ नागरिक की सर्वोच्च नियति है। अपनी हैसियत और औकात के मुताबिक इन अवसरों पर वह भोजन प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। और भयानक काच-छांट के बाद…