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जनतंत्र में तंत्रमंत्र - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
सचिन कुमार जैन हाँ, शासन व्यवस्था धराशायी हो चुकी है. “राज्य” संविधान के मुताबिक़ लोगों के संरक्षण देने में नाकाम है. अब विकल्पों की बात होना चाहिए. किसी ने कहा है “विकल्पहीन नहीं है दुनिया और नई दुनिया संभव है”. एक किस्सा सुनाया जाता है. एक विदेशी भारत आया. पर्यटन…