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बेसहारा बाप की व्यथा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
उधर भूख से बिलख रही थी नवासी मेरी.. इधर दुनिया को छोड़ चुकी थी बिटिया मेरी.. क्या करूँ, क्या पूछूँ, कुछ नहीं था सूझ रहा.. क्या वज़ह थी इसके पीछे, कुछ नहीं था दिख रहा..