नेपाल की सत्ता पर काबिज माओवादी अपने सशस्त्र विद्रोह की 14 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस मौके पर वे अपनी एकजुटता का इजहार करने की कोशिश कर रहे हैं। यह कोशिश सांगठनिक एकता में आई दरार की सूचक है। क्योंकि, जश्न के इस मौके पर ही संगठन से उसके एक शीर्ष नेता ने नाता तोड़ लिया है।
इस मौके पर माओवादियों की ओर शक्ति प्रदर्शन भी किया जा रहा है। खबर के मुताबिक माओवादियों के छापामार संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 2000 सदस्यों ने पश्चिमी नवलपरासी जिले के हट्टीखोर गांव में परेड का आयोजन किया। करीब 10 वर्षो तक इस सशस्त्र संगठन का नेतृत्व करने वाले पुष्प कमल दहाल उर्फ प्रचंड ने एक सप्ताह तक चलने वाले इस समारोह का उद्घाटन किया है।
14 वीं वर्षगांठ के इस मौके पर पूर्व छापामार नेताओं के भाषण सुनाए जा रहे हैं। साथ ही समारोह को यादगार बनाने की तमाम कोशिशें की जा रही हैं। समारोह स्थल पर तोरण द्वार बनाए गए हैं और इसमें भाग लेने वाले हजारों लोगों के स्वागत की जबर्दस्त तैयारी की गई है।
उल्लेखनीय है कि 13 फरवरी, 1996 को माओवादियों ने नेपाल के शाह राजवंश के खिलाफ विद्रोह का आगाज किया था और अंतत: इस वंश के पतन के साथ इस विद्रोह की समाप्ति हुई।
इधर, संगठन के एक प्रमुख नेता ने संगठन से नाता तोड़कर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट) को पुनर्जीवित करने का फैसला किया है। उन्होंने असंतुष्ट माओवादी नेताओं और पीएलए सदस्यों से इसमें शामिल होने की अपील की है। वह प्रचंड पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रहे हैं।