अंकों की जादूगरी दिलाएगा मोदी को देश का सर्वोच्च पद

मोदी के रास्ते पर चुनाव आयोग ने बिछाए फूल

-दानसिंह देवांगन- modi1-300x182

रायपुर। कहते हैं दिल से अगर किसी को चाहो तो पूरी कायनात तुम्हें उनसे मिलाने की साजिश रचती है। इस चुनाव में शायद भाजपा के साथ- साथ चुनाव आयोग भी नरेंद्र मोदी को भारत के प्रधानमंत्री बनाने की मुहिम में जुट गया है। खबर चौकाने वाली है, पर अंकों की जादुगरी जानने वाले अच्छी तरह समझते हैं कि देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने के लिए अंकों का क्या महत्व होता है। चुनाव आयोग ने 5 मार्च को आम चुनाव की घोषणा की। पहला चुनाव 7 अप्रैल को शुरू हो रहा है, जबकि चुनाव का रिजल्ट 16 मई को आने वाला है, जिसका कुल योग भी 7 ही होता है। यही नहीं यह वर्ष 2014 का कुल योग भी 7 होता है। नरेंद्र मोदी के सिपाहसलार इस गणित को अच्छी तरह से जानते हैं, यही वजह है कि 7 अप्रैल को प्रथम चरण का चुनाव होने के बावजूद उसी दिन चुनावी घोषणा पत्र जारी किया जा रहा है। वे चाहते तो एक दिन पहले या बाद में भी जारी कर सकते थे, पर उसमें 7 कहां से लाते।
नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ है। यानि जन्मांक 8 और मूलांक 5 है। इसे संयोग ही कहें कि नरेंद्र मोदी का कुल योग भी 8 होता है, जबकि केवल मोदी का कुल योग 5 होता है। 8 अंक के जन्मांक वाले व्यक्ति जीवन भर संघर्ष और बदनामी का दाग लेकर जीते हैं, पर यदि उन्हें 5 अंक का साथ मिल जाए, तो उन्ही बदनामियों या कमजोरियों को वे अपनी ताकत बनाकर आगे बढ़ जाते हैं। उन्हें 7 नंबर भी बहुत भाता है, जबकि 3 नंबर उनके लिए सबसे खराब होता है। नरेंद्र मोदी का संपूर्ण जीवन इन्हीं नंबरों के इर्द-गिर्द घूमता हुआ नजर आता है। श्री मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यानि 7 अंक। उनका संपूर्ण कार्यकाल संघर्ष भरा रहा, इसी दौरान गोधरा कांड के बाद हुए गुजरात दंगों का दाग भी लगा। दंगे तो देश में कई बार हुए और गुजरात से कहीं ज्यादा खतरनाक हुए, लेकिन आज भी दंगों के बारे में कोई चर्चा करता है तो उसमें मोदी का नाम जरूर आता है, लेकिन वे इन बदनामी रूपी पत्थरों से हारे या डरे नहीं, बल्कि उनका सीढी बनाकर हमेशा ऊंचाइयों को प्राप्त किया।
गोधरा कांड 27 फरवरी 2002 को हुआ, जबकि अक्षरधाम आतंकी हमला 25 सितंबर 2002 को हुआ। गोधरा कांड के 27 में भी 7 है और अक्षरधाम में भी 25 यानि 7 है। दोनों ही घटनाओं में नरेंद्र मोदी की काफी आलोचना हुई, लेकिन ये भी सच है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में मोदी ने इसे अपने पक्ष में जमकर भुनाया।
ये भी एक संयोग है सरकार का कुल योग भी 5 है, और गुजरात का कुल योग भी 5। यही वजह है कि गुजरात में वे गुजरात सरकार या मोदी सरकार कहलाना पसंद करते हैं। इसी फार्मूले के तहत आम चुनाव में भी भाजपा सरकार के बजाए मोदी सरकार बनाने की अपील की जा रही है। हर बैनर-पोस्टर में अबकी बार- मोदी सरकार का नारा दिया जा रहा है। जबकि आडवाणी जी के समय कभी भी अबकी बार -आडवाणी सरकार का नारा नहीं दिया जाता था।
8 अंक वालों को जब भी 5 अंक का साथ मिलता है, वे विरोधियों को परास्त करने में हमेशा कामयाब होते हैं। यही वजह है कि पहले गुजरात में उनके विरोधी किनारे लग गए और केंद्र में भी । नीतीश कुमार ने जब मोदी का साथ छोड़ा, तब लगता था कि मोदी भाजपा की केंद्रीय राजनीति में ज्यादा दिन टिक नहीं पाएंगे। भाजपा में ही लालकृष्ण आडवाणी समेत कई नेता मोदी के खिलाफ खड़े हो गए थे, पर आज देखिए न नीतीश कुमार कहीं मुकाबले में नजर आते हैं न ही उनके कोई विरोधी। भाजपा के दिग्गज नेता श्री आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी नेता नतमस्तक हैं।
अंकों की भाषा में कहें तो यह वर्ष नरेंद्र मोदी के लिए सर्वश्रेष्ट वर्ष है। इसमें चुनाव आयोग ने भी जाने-अनजाने में श्री मोदी का साथ दे दिया। आम चुनाव का रिजल्ट 16 मई 2014 को घोषित होगा। इस दिन का कुल योग 1 होता है,जबकि इंडिया का कुल योग भी 1 होता है। 1 हमेशा लीडरशिप की निशानी होती है। दूसरी ओर उनके जीवन के कांटों को फूल में तब्दील करने वाला 5 अंक उन्हें गुजरात की तरह भारत में भी मिलेगा, क्योंकि गुजरात, मोदी और सरकार की तरह ही भारत का कुल योग भी 5 ही है। इसप्रकार उन्हें जिसतरह से गुजरात सरकार और मोदी सरकार लिखने का फायदा अब तक गुजरात में मिलता रहा, अब वही फायदा केंद्र में भारत सरकार और केंद्र सरकार लिखने में मिलेगा। नरेंद्र मोदी जिस तरह से अंकों का उपयोग करते हैं, उससे लगता है कि केंद्र में उनकी सरकार बनने पर वे शपथ ग्रहण समारोह की तारीख भी 5 या 7 ही चुनेंगे। उनके अंकों का संयोग बता रहा है कि वे न सिर्फ केंद्र में सरकार बनाने में कामयाब होंगे, बल्कि वे एक अपार शक्ति के मालिक भी होंगे। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी संघर्ष और बदनामी का रिश्ता हमेशा रहेगा, पर वे इन सबके बावजूद भारत के सबसे सशक्त और प्रभावशाली प्रधानमंत्री साबित होंगे।

अंकों की भाषा एक नजर में 

नरेंद्र मोदी का जन्मांक – 8
नरेंद्र मोदी का मूलांक – 5
नरेंद्र मोदी का कुल योग – 8
मोदी का कुल योग – 5
गुजरात का कुल योग – 5
सरकार का कुल योग – 5
भारत का कुल योग – 5
पहली बार सीएम बने – 7 (7 सितंबर 2001)
गोधरा कांड हुआ – 7 (27 फरवरी 2002)
अक्षरधाम हमला – 7 (25 सितंबर 2002)
आम चुनाव की घोषणा – 5 (5 मार्च 2014)
प्रथम चरण का चुनाव – 7 (7 अप्रैल 2014)
भाजपा का घोषणा पत्र – 7 (7 अप्रैल 2014)
आम चुनाव का रिजल्ट – 7 (16 मई 2014)

 

 

1 COMMENT

  1. देखो क्या होता है , कहीं अत्य धिक् शोर केवल ढोल न बन जाये क्योंकि कांग्रेस बिलकुल छिछली राजनीति पर उतर आयी है और महीने भर से अधिक इस चुनाव कार्य में कोई भी घिनोनी घटना करा सकती है, अभी सचेत रहने की जरुरत है अब चुनाव पहले वाले नहीं रहे, नैतिकता सब ने विशेष कर कांग्रेस ने खूंटी पर टांग दी है यही हाल स पा और ब सा पा लालू दल जे डी यू , और आप पार्टी का है जो कांग्रेस को दबी जुबान से कोसते है पर अंदर ही अंदर हाथ भी मिलाये हुए है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here