एक गुज़ारिश करुं खुदा से, तेरा नाम ना मैं भुला सकूँ !

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काश ये दूरियाँ कम हो जाएं
तुम्हारे पलकों पर मैं छा सकूं
कोई जो मुझे अपना समझता है
उसी का हूँ अहसास दिला सकूँ
जो रिस्ते की मुकद्दर हमने लिखी
वह कायम रहेगा विश्वास दिला सकूँ
कर सकता अगर बयां, तुम्हारी कमीं लफ़्ज़ो से
लफ़्जो के साये में बन्दिशें मैं जला सकूं
फ़लक से जमीं तक तेरी कमी खलती है
क्यूं न तन्हा मैं रहूं, आंसूओं को झुठला सकूं
तेरी राह सजी हो फूलों से, खुशियॉ तेरी मीत बनें
ख़्वाब सुहानें पूरे हों हर अफ़साना गीत बनें
गर गम कभी महसूस हो,अंधेरा कभी घिर आए
मेरे सपनें राख बनें, गर रौशनी तुझे दिखला सकूं
सुना है! यादें सारी दफ़न हो जातीं गर इनसां फिर ले जनम
एक गुजारिश करुं ख़ुदा से, तेरा नाम ना मैं भुला सकूँ ।

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she holds my hand and I feel the world with me

2 COMMENTS

  1. गर गम कभी महसूस हो,अंधेरा कभी घिर आए
    मेरे सपनें राख बनें, गर रौशनी तुझे दिखला सकूं
    सुना है! यादें सारी दफ़न हो जातीं गर इनसां फिर ले जनम
    एक गुजारिश करुं ख़ुदा से, तेरा नाम ना मैं भुला सकूँ

    –भावपूर्ण..बधाई.

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