अभी ना छोड़ कर जाओ सनम

0
168

अभी ना छोड़ कर जाओ सनम
कि दिल अभी भरा नहीं
जुल्फे अभी संभाल तो लू
गजरा उसमे सजा तो लू
मांग में तुमने सिन्दूर भरा नहीं
तुमसे गले अभी मिली भी नहीं
अभी ना छोड़ कर जाओ सनम
कि दिल अभी भरा नहीं

मैंने अभी तक कुछ कहा नहीं
तुमने अभी तक कुछ सुना नहीं
मन के गुब्बार निकाल तो लू
दिल के अरमान निकाल तो लू
कुछ भी अरमान पूरे हुए नहीं
अभी ना छोड़ कर जाओ सनम
कि दिल अभी भरा नहीं

काजल अभी लगा तो लू 
तुमको जरा निहार तो लू
चेहरे को जरा चमका तो लू
होटो पर लाली लगा तो लू
अभी तक चुम्बन लिया नहीं
अभी ना छोड़ कर जाओ सनम
कि दिल अभी भरा नहीं

साजन के लिये जरा सवंर तो लू
हर अंग को जरा निखार तो लू
आइना जरा निहार तो लू
अपनी नजर उतार तो लू
दिन भर की थकन उतार तो लू
अभी तो थकन उतरी नहीं
अभी ना छोड़ कर जाओ सनम
कि दिल अभी भरा नहीं

बिस्तर पर चादर बिछा तो लू
उस पर दो तकिये लगा तो लू
उसको फूलो से सजा तो लू
सजना के लिये संवर तो लू
अभी तक कुछ हुआ नहीं
अभी ना छोड़ कर जाओ सनम
कि दिल अभी भरा नहीं

आर के रस्तोगी 

Previous article“ईश्वरीय ज्ञान वेद की मान्यतायें ही विज्ञान की भांति सार्वभौमिक व सार्वकालिक मनुष्यमात्र का धर्म”
Next articleधूल में हवा होती फर्टिलिटी
आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here