योग करो,आरोग्य रहो

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“योग करो,आरोग्य रहो” यह संदेश जन जन तक पहुँचाना है |
भारत को अब पूरे विश्व का हम सबने ही योग गुरु बनाना है ||

सुबह उठो,योग करो,हर प्राणी को खुशहाल बनाना है |
स्वस्थ रहोगे,तुम आगे बढोगे,हॉस्पिटल नहीं जाना है ||

धर्म जाति का कोई बंधन नहीं,छुआ-छूत को अब भगाना है |
सबका साथ,सबका विकास,अब सबको विश्वास में लाना है ||

मूल्य इसमें कुछ नहीं लगता,पर बहुमूल्य स्वास्थ दिलाना है |
स्वास्थ है सब कुछ है,इस सोच को अब विश्व में फैलाना है ||

जब जागो तभी सबेरा है,सब जगह योग शिविर लगाना है |
योग एक स्वास्थ का मूल मन्त्र है,इसको नहीं बिसराना है ||

रस्तोगी अब योग-शिविर चलायेगा,ये उसने मन में ठाना है |
गाँव गाँव में शहर शहर में, योग शिविर को अब चलाना है ||  

आर के रस्तोगी 
मो 9971006425

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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