कोरोना काल का दशहरा

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इस बार रावण दशहरे पर आया,
राम से बोला और वह चिल्लाया।
पहले अपने मुख पर मास्क लगाओ,
फिर आकर मुझ पर आकर बाण चलाओ।।

कोरोना काल है,मेरी भी है मजबूरी,
मुझसे रक्खो सब दो गज की दूरी।
मेरे निकट जो भी कोई आ जायेगा,
काल का ग्रास एक दम बन जायेगा।।

अबकी बार लंका भी न जल पायेगी,
क्योंकि उससे भी दूरी रक्खी जायेगी ।
अगर लंका को तुमने जलाना है,
दूर से उस पर हथगोले चलाना है।।

इस बार मेघनाथ शक्ति बाण नहीं चलायेगा
केवल कोरोना बाण से ही काम चलायेगा।
जिससे लक्ष्मण भ्राता मूर्छित हो जायेगा।।
और हनुमान चीन से वैक्सीन लायेगा।।

इस बार कुंभकर्ण को भी न मार पाओगे,
कोरोना के कारण वह सोता ही रह जायेगा।
रही बात लंका के दूसरे राक्षसों की,
वे तो कोरोना के कारण ही मर जाएंगे।।

इस बार तुम मुझे न मार पाओगे,
पर मेरा दाह संस्कार भी न कर पाओगे।
इस बार कोरोना वाले ही मुझे ले जायेंगे,
वे ही मेरा अंतिम संस्कार कर पायेंगे।।

इस बार विभीषण का राजतिलक न हों पायेगा,
क्योंकि वह डर के मारे राम के पास रह जायेगा।
कोरोंना काल में इस तरह भारत में,
बड़े दुःख से दशहरे को मनाया जायेगा।।

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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