pravakta.com
ए ! जिंदगी तू भी कच्ची है - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
ए ! जिंदगी तू भी कच्ची है,पेंसिल की तरह छोटी होती जा रही।रबड़ भी हर समय तुझको हमेशा,पल पल घिसती है जा रही ।। मत कर गुबान इस जिंदगी का,ये मुस्टकिल नहीं अर्जी मिली तुझको।कर इस्तेमाल इसका दूसरों के लिए,यह पल पल कम होती हैं जा रही।। चल रहा है…