गांधी जी के सामानों की नीलामी रोकने के प्रयास तेज

gandhi_ji2भारत सरकार फिलहाल इस प्रयास में जुटी है जिससे महात्मा गांधी की  निजी वस्तुओं की अमेरिका में होने वाली नीलामी को रोका जा सके।

खबर के मुताबिक संस्कृति मंत्री का कहना है कि इन वस्तुओं की न्यूयॉर्क शहर नीलामी करने वालों से  आग्रह किया गया है कि वे इन वस्तुओं की नीलामी से पहले इसे ख़रीदने का मौक़ा सरकार को दें। ये वस्तुएँ जिनके पास हैं उनमें से एक महात्मा गांधी की भतीजी की बेटी भी हैं।

 

गांधी की भतीजी ने एक जर्मन संग्रहकर्ता को अधिकृत किया है कि वह इस वस्तु को अमरीकी नीलामी घर के ज़रिए बेच दे। यहां नीलाम की जाने वाली वस्तुओं में महात्मा गांधी का चश्मा, चप्पलों की एक जोड़ी और एक जेब घड़ी शामिल है। इन वस्तुओं की क़ीमत 20 से 30 हज़ार डॉलर के बीच आंकी गई है। न्यूयॉर्क के एंटीक़ोरम ऑक्शनीयर्स में चार-पाँच मार्च को इन वस्तुओं की नीलामी होनी है।

 

संस्कृति मंत्री अंबिका सोनी ने कहा है कि इन वस्तुओं की नीलामी रोकने के लिए जो कुछ भी किया जाना है। वह किया जा रहा है।

सरकार इस विकल्प पर भी विचार कर रही है कि यदि ये वस्तुएँ नीलामी से नहीं हटाई जाती हैं तो किसी भारतीय से कहा जाए कि वह इसे ख़रीद ले और बाद में सरकार को दान में दे दे, जिससे कि इसे राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा जा सके। सरकार की एक समिति इस तरह के सभी उपायों पर विचार कर रही है।

 

लगभग सभी दलों के सांसदों ने कहा है कि इन वस्तुओं को हासिल करने की हर संभव कोशिश की जानी चाहिए।

गांधी जी के पड़पोते तुषार गांधी ने इन वस्तुओं की नीलामी रोकने या उन्हें ख़रीदकर भारत में लाए जाने के लिए एक अपील जारी की थी। उन्होंने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा है कि वे बहुत ख़ुश हैं। सरकार आख़िरकार अपनी ज़िम्मेदारी निभाने के लिए सामने आई है।

 

दूसरी ओर नीलाम करने वालों का कहना है कि गांधी की निजी वस्तुओं को प्राप्त करने के लिए दुनिया भर के लोगों ने ख़ासी दिलचस्पी दिखाई है।

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