एक कुर्सी के भूखे हम |

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एक कुर्सी के भूखे हम |
तेरे खून के प्यासे हम ||

अब इकठ्ठे हो गये हम |
अब तेरी टांग खीचेगे हम ||
चाहे कितना जोर लगा ले |
चाहे कितना शोर मचा ले ||
अब सुनेगे ना तेरी हम |
एक कुर्सी के भूखे हम |
तेरे खून के प्यासे हम ||

चाहे तू कितना कमल खिला ले |
चाहे भू से आकाश से मिला ले ||
चाहे तू कितना विकास कर ले |
चाहे सबके साथ कदम मिला ले ||
तेरी राहो में रोड़े अटकाये हम |
एक कुर्सी के भूखे हम |
तेरे खून के प्यासे हम ||

चाहे कितनी रेड लगवा ले |
चाहे जजों को साथ मिला ले ||
चाहे पुलिस का जाल बिछवा दे |
चाहे जिन्दा हमको जलवा दे ||
तुझे एक कौड़ी न देगे हम |
एक कुर्सी के भूखे हम |
तेरे खून के प्यासे हम ||

( तू प्यार का सागर है,तेरी एक बूँद के प्यासे हम की तर्ज पे एक पैरोडी आज के चुनाव के माहौल में )

आर के रस्तोगी 

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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