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आपातकालीन दमन के अमिट व्रणचिह्न - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
कुन्दन पाण्डेय कहते हैं वक्त हर जख्म को भर देता है, लेकिन जख्म के चिह्न को वक्त मिटा नहीं पाता, धुंधला अवश्य कर देता है। भारतीय लोकतंत्र में आपातकाल का व्रणचिह्न, एक ऐसा ही चिह्न है। आज से ठीक 36 वर्ष पूर्व देश पर 25 जून, 1975 की मध्य रात्रि…