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भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
भले ही तुम कड़वे नीम प्रिय,गर्मी में देते हो ठंडी छांव प्रिय।मै भोली भाली ऐसी अबला हूं,मीठी निबोली खाती हूं प्राण प्रिए। मैं तेरी छांव में जीवन बिता दूंगी,अपना सब कुछ तुम पे लुटा दूंगी।एक बार तुम मुझको अपना लो,सातों जन्म तेरे साथ निभा दूंगी।। तुम मीठे फल देने वाले…