आर के रस्तोगी
हर वस्तु मिल सकती है तुम सबको,आज.ऑन लाइन पर
पर माँ की ममता नही मिल सकती,तुम्हे ऑन लाइन पर
प्यार करना हो तुमको,कर सकते हो तुम ऑन लाइन पर
पर सच्चा प्यार न मिल पायेगा तुमको ऑन लाइन पर
खाने के सब व्यजन,मिल सकते है तुम्हे ऑन लाइन पर
पर उनका स्वाद मिल नहीं सकता,तुम्हे ऑन लाइन पर
वस्त्र और आभूषण मंगा सकते हो, तुम ऑन लाइन पर
पर उन सबकी ट्राई नही कर सकते तुम ऑन लाइन पर
जूते और चप्पल खरीद सकते हो,तुम ऑन लाइन पर
पर उन को पहन नहीं सकते हो, तुम ऑन लाइन पर
तुम सगाई शादी भी कर सकते हो,तुम ऑन लाइन पर
पर हनीमून नहीं मना सकते हो ,तुम ऑन लाइन पर
इश्क मोहब्बत भी कर सकते हो ,तुम ऑन लाइन पर
पर नयन कैसे लडाओगे तुम उससे,तुम ऑन लाइन पर
वैसे तो बहुत कुछ खरीदा बेचा जा सकता है ऑन लाइन पर
पर सब कुछ नहीं खरीदा बेचा जा सकता है ऑन लाइन पर
मिल जायेगे सुनने को तुमको कवि और शायर ऑन लाइन पर
पर तारीफ़ कैसे करोगे और ताली बजाओगे कैसे ऑन लाइन पर
बंद करो ये खरीद बेच अब,वर्ना तुम लाइन पर लग जाओगे
विदेशी तुम को लूट रहे है, बाद में देश और तुम पछताओगे