आँखे

बड़ी ख़ूबसूरत है तुम्हारी आँखे !
मेरी जिंदगी है तुम्हारी आँखे !

ये झुके तो जश्ने बहार मचल जाये !
खुदा की नेमत है तुम्हारी आँखे !

पलकों के झपकने का सबब मालूम नहीं !
मेरी राजदार है तुम्हारी आँखे !

ये उठे तो ज़माने को झुका दे !
बड़ी आफरीन है !

मंदिर और मस्जिद का भरम क्या होगा !
जब राहबर है तुम्हारी आँखे !

एक मुद्दत से इनको चाहा था हमने !
खुदा कसम बड़ी प्यारी है तुम्हारी आँखे !

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