आखिर क्यूं मिर्ची चबा रहें पाकिस्तान परस्त लोग याकूब की फांसी पर ?

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हाल ही में उधमपुर आतंकी हमले में जिंदा पकडे गये पाकिस्तानी आतंकी नावेद ने कई अहम खुलासे किये हैं | उनमें सबसे अहम खुलासा यह है कि पाकिस्तान में बैठकर याकूब का भाई टाइगर मेमन, दाऊद इब्राहीम, और हफीज सईद के साथ मिलकर प्लेन हाईजैक की साजिश रच रहा था | इन लोगों का मकसद था कि प्लेन हाईजेक के माध्यम से 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को छुड़ा लिया जाए |
लेकिन इसके पहले कि उनकी योजना सफल होती, याकूब मेनन को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया | इस खुलासे से यह बात आईने की तरह साफ़ हो गई है, कि क्यों याकूब की फांसी टालने की हर चंद कोशिश की गई | निश्चित तौर पर उस पूरे एपिसोड के पीछे मोस्ट वांटेड आतंकियों का हाथ था | उनके इशारे पर ही याकूब की फांसी रोकने के सीमातीत प्रयास हुए |
इस बीच आज मंगलवार को आतंकी नवेद 14 दिन की रिमांड पर एनआईए को सौंप दिया गया है | उम्मीद की जा रही है कि पूछताछ के दौरान वह आतंकियों के भारतीय नेटवर्क का खुलासा कर सकता है | कितना अच्छा हो कि भारत के देशभक्त ग्रामीणों की मदद से पकडे गये नवेद के माध्यम से भारत में बसे देशद्रोही भी बेनकाब हो जाएँ ?

अगर इस समाचार को ब्रिटिश वेबसाइट मिरर की एक रिपोर्ट में किये गए खुलासे से जोड़कर देखा जाए तो स्थिति की भयावहता समझ में आ जाती है | इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में अपनी बर्बरता के लिए कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट अगले पांच सालों में पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर कब्जा जमाने की फिराक में है। आईएस ने इसके लिए समय सीमा निर्धारित की है 2020 | अर्थात वह 2020 तक भारतीय उपमहाद्वीप अपनी खिलाफत का परचम लहराना चाहता है।

आईएस की इस योजना का खुलासा बीबीसी रिपोर्टर एंड्रयू हॉस्कन ने अपनी नई किताब ‘अंपायर ऑफ फीयर: इनसाइड द इस्लामिक स्टेट’में किया है | उसने साथ में आईएस की सम्पूर्ण योजना का एक नक्शा भी दिया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि आईएस विश्व के अधिकांश इलाकों पर कब्जा जमाना चाहता है, ताकि वह इस्लामी दुनिया कायम कर सके।

नक्शे में भारतीय उपमहाद्वीप का नाम खुरासान दिया है। जबकि यूरोप के जिन इलाकों में आईएस कब्जा जमाना चाहता है, उसका नाम वह अंदालुस दिया गया है ।

आईएस के पास इस समय अकूत दौलत आ चुकी है, जो उसने इराक और सीरिया के अपने कब्जे वाले क्षेत्र में तेल और गैस के भंडारों से जुटाई है। इस दौलत का उपयोग आई एस के समर्थक बढाने में किया जा रहा है | जयचंदों की जन्मभूमि भारत में शायद एक बार फिर इतिहास को दोहराया जाएगा | काश समय रहते पृथ्वीराज रूपी आम जनता चेत जाए और इस षडयंत्र के प्रति जागरूक हो जाए ?

1 COMMENT

  1. सेकुलरिज्म के पहरेदार क्या भारत में इसके प्रसार को रोकने देंगे ?वे जयचंद उनकी सुरक्षा में सब से पहले खड़े होंगे , यदि रुबिया मुफ़्ती के अपहरण के समय इन लोगों पर सरकार ने नकेल कस दी होती , व बाद की सरकारों की जम्मू-कश्मीर के प्रति ढुलमुल की नीति न रही होती तो आतकवाद इतने पाँव नहीं पसार पाता,विगत की हमारी केंद्र सरकारों ने वोट बैंक के लिए व कश्मीर में अपने प्रभाव की राजनीति करने के लिए वहाँ की सरकार के साथ हमेशा आँख मूंदी रखी जब तक यह दानव सर पर आकर खड़ा नहीं हो गया ,
    अब इस पर नियंत्रण बहुत कठिन व महंगा होगा , लेकिन इस संभावना से मुहं नहीं छिपाना चाहिए , राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभी से कठोर प्रयास किये जाने चाहिए

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