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पारिजात के फूल - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
भाग 1 – 1982 वह सर्दियों के दिन थे. मैं अपनी फैक्टरी से नाईट शिफ्ट करके बाहर निकला और पार्किंग से अपनी साइकिल उठाकर घर की ओर चल पड़ा. सुबह के 8:00 बज रहे थे. मैं अपने घर के सामने से गुजरा. मां दरवाजे पर खड़ी थी, मैंने मां को…