प्रदेश के स्थापना दिवस पर अतिथितियों को लेकर चर्चा

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सिवनी। जिले के नेता और अधिकारियों ने प्रदेश का स्थापना दिवस तो धूमधाम से मनाया लेकिन जिले की वर्ष गांठ मनाना भूल ही गये। उल्लेखनीय है कि 1 नवम्बर 1956 को ही सिवनी फिर से जिला बना था। यहां यह भी उल्लेखनीय हैं कि जब प्रदेश का स्वर्णजयंती समारोह आयोजित किया गया था तो साथ में ही जिले की स्थापना की भी स्वर्ण जयंती मनायी गयी थी। जिले की सालगिरह की याद ना तो जिले लाड़ले नेता हरवंश सिंह को रही, ना ही जिले के प्रभारी मंत्री सैयाम को रही और ना ही सिवनी की विधायक नीता पटेरिया को। इनके अलावा जिले के अधिकारी भी यह याद नहीं रख पाये। लोगों में चर्चा है कि जो जिले के स्थापना दिवस को ही याद नहीं रख पाये वे जिले के विकास के लिये भला कितना कुछ कर पायेंगें।

अतिथियों में हुआ काम का बटवारा चर्चित

सिवनी। जिला मुख्यालय में आयोजित हुये प्रदेश के स्थापना दिवस के आयोजन में अतिथियों में हुये काम का बटवारा कर दिया गया। इस आयोजन में ध्वजारोहण मुख्यअतिथि विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ने किया और मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन समारोह के विशिष्ट अतिथि एवं जिले के प्रभारी मंत्री देवसिंह सैयाम ने किया। जबकि जबलपुर में विस अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी, नरसिंहपुर में मंत्री गौरीशंकर बिसेन,बालाघाट में जिला पंचायत अध्यक्ष मीना बिसेन, छिंदवाड़ा में मंत्री नाना साहब और बैतूल में मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने मुख्यअतिथि के रूप में ध्वजारोहण कर संदेश का वाचन भी किया हैं। राजनैतिक हल्कों में अतिथियों के बीच किया गया काम का बटवारा खासा चर्चित हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पिछले नगर प्रवास के दौरान मंच पर उपस्थित विस उपाध्यक्ष और इंका विधायक हरवंश सिंह को संबोधित करने का अवसर नहीं मिला था। विलंब हो जाने की बात कहकर मुख्यमंत्री ने स्वयं यह कह दिया था कि स्थानीय सांसद और विधायक के संबोधन के बाद मैं संबोधित कर दूंगा। जिले के भाजपाइयों ने इय घटना का राजनैतिक विश्लेषण यह कर डाला था कि दोनों नेताओं के बीच अब पूर्ववत संबंध नहीं रहे। शासकीय कार्यक्रम में इंका के एक मात्र निर्वाचित जनप्रतिनिधि को संबोधन का अवसर ना देने को लेकर जिला इंका ने बाकायदा विज्ञप्ति जारी कर इसकी आलोचना भी की थी। लेकिन इसके चंद दिनों बाद ही प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर जिले में आयोजित होने वाले समारोह में प्रदेश सरकार ने विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह को मुख्य अतिथि बना कर कुछ और ही संदेश दे डाला हैं। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि शिवराज सिंह की दूसरी पारी में 26 जनवरी और 15 अगस्त को आयोजित होने वाली परेड़ में भी ध्वजारोहण विस उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ने ही किया था। जिससे भाजपा के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने अपने आप को अलग रख लिया था। भाजपायी सूत्रों का दावा हैं कि इस बाबद भाजपा नेताओं ने प्रदेश के आला नेताओं को यह तर्क दिया था ऐसा होने से जिले के भाजपा कार्यक्रर्त्ता यह महसूस कर रहें हैं कि प्रदेश में इंका की सरकार ही चल रही हैं।जिले में ऐसा कुछ भी संदेश जाये लेकिन प्रदेश स्तर पर ना जाने कैसी खिचड़ी पक रही है कि बार बार वही कुछ हो रहा है जिससे जिले के भाजपाइयों को ऐतराज है?

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