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आजादी की अभिव्यक्ति या अभिव्यक्ति की आजादी? - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अखिलेश आर्येन्दु आए दिन जिस भाषा का इस्तेमाल नेताओं, मज़हब और जाति के ठेकेदारों और मीडिया के जरिए होता है वह वाकई में लोकतंत्र के लिए बहुत चिंता की बात है। चिंता की बात इस लिए भी है कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी केे नाम पर कुछ भी कहने-सुनने…