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मसखरे लफ़फाज़ ओर ढोंगी बाबाओं से ज़न-क्रांति की उम्मीद करने वालो सावधान! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
श्रीराम तिवारी जब -जब इस धरती पर कोई नया भौतिक आविष्कार हुआ ,इंसान को लगा कि 'दुःख भरे दिन बीते रे भैया ,अब सुख आयो रे' इसी तरह जब-जब किसी निठल्ले आदमी ने धर्म-अध्यात्म के कंधेपरचढ़करअपनी शाब्दिक लफ्फाजी से समाज में आदर्श राज्यव्यवस्था स्थापित करने और परिवर्ती व्यवस्था को उखाड़ फेंकने…