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गंगा : बूंद - बूंद संघर्ष - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
नीरेन कुमार उपाध्याय 'गंगे तव दर्शनार्थ मुक्ति' का मंत्र जाप कर लाखों वर्षों से हम और हमारी संस्कृति अभी तक जीवित हैं। गंगा भारतीय संस्कृति का प्राण है। इसकी कल-कल बहती धारा लोगों के मनों में आनन्द और उल्लास भर देती है। इसके दर्शन मात्र से ही मुक्ति की कल्पना…