गज़ल-मैंने देखा खून आज

life

(राघवेन्द्र कुमार “राघव”)

मैंने देखा खून आज , राह में गिरा हुआ ।

पूछा खून किसका है, कोई तो बताइए ।

क्या हुआ जो आप सब, क्रोध में उबल रहे ।

व्यर्थ ही सामर्थ्य आप, ऐसे ना जलाइए ।

खून कौन हिन्दू है, कौन खून मुसलमान ।

सिखों का है खून कौन आइए बताइए ।

जाति – पांति भेद भाव, सियासती उसूल हैं ।

नफरतों के बीज यूं, न घर – घर गिराइए ।

मैंने देखा खून आज, राह में गिरा हुआ ।

पूछा खून किसका है, कोई तो बताइए ।।

 

Previous articleमेरे होने, न होने के बीच का अवकाश है तुम्हारे लिये …
Next articleकितने प्यार से
राघवेन्द्र कुमार 'राघव'
शिक्षा - बी. एससी. एल. एल. बी. (कानपुर विश्वविद्यालय) अध्ययनरत परास्नातक प्रसारण पत्रकारिता (माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय जनसंचार एवं पत्रकारिता विश्वविद्यालय) २००९ से २०११ तक मासिक पत्रिका ''थिंकिंग मैटर'' का संपादन विभिन्न पत्र/पत्रिकाओं में २००४ से लेखन सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में २००४ में 'अखिल भारतीय मानवाधिकार संघ' के साथ कार्य, २००६ में ''ह्यूमन वेलफेयर सोसाइटी'' का गठन , अध्यक्ष के रूप में ६ वर्षों से कार्य कर रहा हूँ , पर्यावरण की दृष्टि से ''सई नदी'' पर २०१० से कार्य रहा हूँ, भ्रष्टाचार अन्वेषण उन्मूलन परिषद् के साथ नक़ल , दहेज़ ,नशाखोरी के खिलाफ कई आन्दोलन , कवि के रूप में पहचान |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here