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हयाते गुमशुदा ने फिर पुकारा मुझे अभी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
हयाते गुमशुदा ने फिर पुकारा मुझे अभी फिरना है दर बदर और ,आवारा मुझे अभी . जिस्म में बाकी है जां रूह अभी जिंदा है लज्जते गम से होने दे आश्कारा मुझे अभी राख होने न पाए , आतिशाकुदह सारे सुलगाना है हर बुझता शरारा मुझे अभी चाहे लाख हो…