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वो तुम्हारे जाने का गम - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
चर्चित संगीतकार दान सिंह को श्रद्धा-सुमन चण्डीदत्त शुक्ल बेदम, निचुड़ी-सूखी धरती ने इधर-उधर छिटके पानी से अपने पपड़ाए होंठ गीले करने की नाकाम कोशिश के बाद हाथ जोड़कर सूरज से कहा--क़हर बरपाना छोड़ो, फिर बादलों से गुहार की--निष्ठुर, कितना इंतज़ार करूं! उलाहना जैसे दिल में तीर की तरह लगा और…