यहां राजनीति से अपराध को बढ़ावा मिलता है

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 -अनिल अनूप

उत्तर प्रदेश का उन्नाव जिला प्रदेश के ‘रेप कैपिटल’ के रूप में उभरकर सामने आया है। इस वर्ष 2019 में जनवरी से लेकर नवंबर तक 86 दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 63 किलोमीटर दूर और कानपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित उन्नाव की जनसंख्या 31 लाख है।

खबरों के अनुसार, इसी दौरान जिले में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के 185 मामले भी सामने आए हैं।उन्नाव के असोहा, अजगैन, माखी और बांगरमऊ में दुष्कर्म और छेड़खानी के मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें से अधिकतर मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें या तो जमानत पर रिहा कर दिया गया, या फिर वे फरार चल रहे हैं. स्थानीय लोग राज्य में हो रहे इन मामलों के लिए पुलिस को दोष देते हैं. अजगैन के निवासी राघव राम शुक्ला ने कहा, “उन्नाव की पुलिस पूरी तरह से नेताओं के अनुसार काम करती है. जब तक उन्हें अपने आकाओं से इजाजत नहीं मिलती वे एक इंच तक नहीं हिलते हैं। इस रवैये से अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं.”

कुलदीप सिंह सेंगर दुष्कर्म मामले और गुरुवार को महिला को आग लगाने के मामले से इतर कुछ अन्य महत्वपूर्ण मामले भी हैं, जिसमें पुरवा में एक महिला के साथ हुए दुष्कर्म में प्राथमिकी इस साल एक नवंबर को लिखी गई।

उन्नाव गैंगरेप पीडिता जलने के बाद शुक्रवार रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी की जंग हार गई। उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने शुक्रवार रात 11.40 बजे दम तोड़ दिया। दरिंदों ने पीड़िता को गुरुवार सुबह 95 प्रतिशत जला दिया गया था। गुरुवार रात दिल्ली लाई गई थी। सफदरजंग अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। आपको बताते जाए कि गुरुवार सुबह ही उन्नाव में 5 दरिंदों ने उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। आरोपियों में से एक पीड़िता के साथ हुए गैंगरेप का मुख्य आरोपी भी शामिल था।

ग्रामीणों ने बताया कि 90 फीसदी जलने के बाद भी पीड़िता घटनास्थल से एक किलोमीटर तक पैदल चली थी। इसके बाद उसने घर के बाहर काम कर रहे एक व्यक्ति से सहायता भी मांगी। पीड़िता ने खुद ही 112 पर फोन किया और पुलिस से आपबीती बताई। पीड़िता के फोन के बाद ही पीआरवी और एंबुलेंस पहुंची थी।

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नाबालिग गैंगरेप पीड़िता को जलाने के मामले में राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि पीड़िता का इलाज सरकारी खर्च पर किया जाएगा और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार और गृह मंत्री अमित शाह ने झूठ बोला है कि कानून व्यवस्था ठीक है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि कल देश के गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने साफ-साफ झूठ बोला कि यूपी की क़ानून व्यवस्था अच्छी हो चुकी। हर रोज ऐसी घटनाओं को देखकर मन में रोष होता है। भाजपा नेताओं को भी अब फर्जी प्रचार से बाहर निकलना चाहिए।

पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि ” गुरुवार तड़के 4 बजे वह रायबरेली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने बैसवारा बिहार रेलवे स्टेशन जा रही थी। इसी दौरान गौरा मोड़ पर गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, किशोर शुभम, शिवम, उमेश ने चारों ओर से घेर लिया और डंडों और चाकू से वार किया। इस बीच आरोपियों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी।”  बताया जा रहा है कि पीडिता 90 प्रतिशत तक जल चुकी है।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “उन्नाव की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, अत्यंत दुखद है।”  इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ” वह परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। सभी आरोपी पकड़े जा चुके हैं, सरकार उन्हें जल्द से जल्द सजा दिलवाएगी।”

उन्नाव रेप पीड़िता के भाई ने कहा कि ” मेरी बहन मुझसे सिर्फ इतना कह सकी कि वह जीना चाहती है और दोषियों को फांसी पर लटकते देखना चाहती है।”  उन्होंने आगे कहा कि ” इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अपराधी एनकाउंटर में मारे जाते हैं या फांसी पर लटकाए जाते हैं, उन्हें जिंदा नहीं रहना चाहिए, यही हम चाहते हैं।”

पीड़िता के पिता ने बताया कि ” प्रशासन ने बेटी की मौत की सूचना नहीं दी है।”  वहीं बेटी के लिए इंसाफ की गुहार लगाते हुए उन्होंने कहा कि ” बेटी के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए या दौड़ा-दौड़ाकर मारा जाए।”

रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि आरोपी पक्ष उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहा है. उधर, रेप पीड़िता को जलाने के आरोप में पकड़े गए मुख्य अभियुक्त की बहन का कहना है कि पुलिस इस बात की गवाह है कि उसके भाई और पिता को जब पुलिस ने पकड़ा तब वे अपने घर में थे. कोई इतना बड़ा कांड करके घर में क्यों बैठेगा. उसने पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. आपको बता दें कि रेप पीड़िता को आरोपियों ने जलाकर मारने का प्रयास किया था. बाद में 90 फीसद जली हालत में पीड़िता को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई. अब पीड़िता के परिजनों व रिश्तेदारों का कहना है कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं.

उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, कानून मंत्री बृजेश पाठक और भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज सहित प्रदेश के कुछ शीर्ष नेता उन्नाव से ही आते हैं. एक स्थानीय वकील ने कहा, “यहां राजनीति से अपराध को बढ़ावा मिलता है. नेता अपराध का इस्तेमाल राजनीति में कर रहे हैं और पुलिस उनकी हितैषी बनी हुई है. यहां तक कि जब किसानों ने हाल ही में एक नई टाउनशिप के लिए भूमि अधिग्रहण पर हिंसा का सहारा लिया, तो वे रक्षात्मक बने रहे. ऐसा एक भी मामला नहीं है, जब पुलिस ने सख्त रवैया अपनाया हो.”

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