हे प्रभु! बद्री विशाल

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हे प्रभु! बद्री विशाल,
तुम हो सबसे विशाल।
कोरोना वायरस का प्रभु
अंत करो तुम तत्काल।।

हे प्रभु ! कृपा करो हम पर,
कॉरोना से हमें मुक्त कराओ।
तुम बिन कोई नहीं हितकारी,
इस राक्षस से मुक्त कराओ।।

सारा जग कॉरोना से हारा,
प्रभु ! बस अब तेरा सहारा।
जब मिलता नहीं कोई सहारा,
तब मिलता है प्रभु का सहारा।।

फैल रहा है कॉरोना असर,
इसने छोड़ी न कोई कसर।
प्रभु ! ऐसी कोई दवा बनाओ,
जिससे हो कॉरोना पर असर।।

शक्तिशाली भी हुए अशक्त ,
वे भी हुए है सब बेहाल।
उन पर भी कृपा करो प्रभु,
जहा मौत बुन रही है जाल।।

समझते थे जो निम्न हमें,
देख रहे हैं भारत की ओर।
पश्चिम वाले भी अब,
देख रहे हैं पूर्व की ओर।।

सुबह उठो प्रभु को शीश झुकाओ,
नहा। धोकर उसकी आरती गाओ
मिल जाएगा उसका सहारा,
मिट जायेगा संकट तुम्हारा।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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