pravakta.com
हिन्दी दिवस पर विशेष- इंटरनेट के भाषाखेल का सामाजिक प्रभाव - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-जगदीश्‍वर चतुर्वेदी कम्प्यूटर युग में भाषायी असंतुष्ट हाशिए पर हैं। अब हम भाषा बोलते नहीं हैं बल्कि भाषा में खेलते हैं। ‘बोलने’ से ‘खेलने’ की अवस्था में प्रस्थान कब और कैसे हो गया हम समझ ही नहीं पाए। यह हिन्दी में पैराडाइम शिफ्ट का संकेत है। इसे भाषाखेल कहते हैं।…