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शैक्षिक परिदृश्य में विस्थापित होती हिन्दी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
प्रमोद भार्गव वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में हिन्दी अनेक विरोधाभासी स्थितियों से जूझ रही है। एक तरफ उसने अपनी ग्राह्यता तथा तकनीकी श्रेष्ठता सिद्ध करके वैश्विक विस्तार पाया है और वह दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा बन गर्इ है। इसीलिए यह जनसंपर्क और बाजार की…