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हिन्दी-विरोध का मूल-हिन्दुत्व नहीं, मजहबी उसूल - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मनोज ज्वाला भारत की राजभाषा हिन्दी का दक्षिण भारतीय प्रदेशों में विरोध का स्वर एक बार फिर सुनाई पड़ने लगा है। इस बार के विरोध का राग तो वही है, किन्तु रंग बदला हुआ है। हिन्दी थोपने का राग पहले भी आलापा जा रहा था, किन्तु इसे हिन्दुत्व का रंग…