पड़ौसी पड़ोसी है हिंदू न मुस्लिम…….

 इक़बाल हिंदुस्तानी

हरेक तश्नालब की हिमायत करूंगा,

समंदर मिला तो शिकायत करूंगा।

अगर आंच आई किसी जिंदगी पर,

हो अपना पराया हिफ़ाज़त करूंगा।

अभी तो ग़रीबों में मसरूफ हूँ मैं,

मिलेगी जो फुर्सत इबादत करूंगा।

तरक्की की ख़ातिर वो यूं कह रहा था,

मैं जिस्मों की खुलकर तिजारत करूंगा।

ज़मीर अपना बेचंू जो दौलत कमाउ,

अब इक रास्ता है सियासत करूंगा।

उसूलों पे अपने जो क़ायम रहेगा,

वो दुश्मन भी हो तो मुहब्बत करूंगा।

पड़ौसी पड़ौसी है हिंदू न मुस्लिम,

मैं बच्चो को यही हिदायत करूंगा।

क़लम जो लिखेगा वो बेबाक होगा,

अगर दिल ये माना सहाफत करूंगा।।

 

 

शीत लू वर्षा को भी क्यों मुपफ़लिसी से बैर है………

अब कहां पहले सी खुश्बू है सुमन बदला हुआ,

है हवा बदली हुयी रंग ए चमन बदला हुआ।

ताकतो के जुल्म का तो सिलसिला थमता नहीं,

लाख बदली हो ज़मीं और ये गगन बदला हुआ।

हो रही है ताजपोशी माफियाओं की यहां,

रहनुमाओं का हमारे है वचन बदला हुआ।

शीत लू वर्षा को भी क्यों मुफलिसी से बैर है,

मरने वाले हैं वही सब बस कफन बदला हुआ।

कौन सी किससे जा मिलेगा रहबरों का क्या पता,

सांप हैं सब एक जैसे सिर्फ फन बदला हुआ।

बात की दुनिया भर की देखो अब ग़ज़ल कहने लगी,

शायरी का लग रहा है आज फ़न बदला हुआ।

भूख लाचारी जहां हो आम इंसां का मयार,

कैसे बोले कोई तब तक है वतन बदला हुआ।

अपनी इज़्ज़त हाथ में होती है अपने सोचलो,

आज तहज़ीब का भी है चलन बदला हुआ।।

 

Previous articleफजीहत का फाईनल अभी बाकी है
Next articleराशियों पर साढ़ेसाती
इक़बाल हिंदुस्तानी
लेखक 13 वर्षों से हिंदी पाक्षिक पब्लिक ऑब्ज़र्वर का संपादन और प्रकाशन कर रहे हैं। दैनिक बिजनौर टाइम्स ग्रुप में तीन साल संपादन कर चुके हैं। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में अब तक 1000 से अधिक रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। आकाशवाणी नजीबाबाद पर एक दशक से अधिक अस्थायी कम्पेयर और एनाउंसर रह चुके हैं। रेडियो जर्मनी की हिंदी सेवा में इराक युद्ध पर भारत के युवा पत्रकार के रूप में 15 मिनट के विशेष कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं। प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ लेखक के रूप में जानेमाने हिंदी साहित्यकार जैनेन्द्र कुमार जी द्वारा सम्मानित हो चुके हैं। हिंदी ग़ज़लकार के रूप में दुष्यंत त्यागी एवार्ड से सम्मानित किये जा चुके हैं। स्थानीय नगरपालिका और विधानसभा चुनाव में 1991 से मतगणना पूर्व चुनावी सर्वे और संभावित परिणाम सटीक साबित होते रहे हैं। साम्प्रदायिक सद्भाव और एकता के लिये होली मिलन और ईद मिलन का 1992 से संयोजन और सफल संचालन कर रहे हैं। मोबाइल न. 09412117990

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here