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पड़ौसी पड़ौसी है हिंदू न मुस्लिम.......
इक़बाल हिंदुस्तानी हरेक तश्नालब की हिमायत करूंगा, समंदर मिला तो शिकायत करूंगा। अगर आंच आई किसी जिंदगी पर, हो अपना पराया हिफ़ाज़त करूंगा। अभी तो ग़रीबों में मसरूफ हूँ मैं, मिलेगी जो फुर्सत इबादत करूंगा। तरक्की की ख़ातिर वो यूं कह रहा था, मैं जिस्मों की खुलकर तिजारत करूंगा। ज़मीर…