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हिन्दूराष्ट्र स्वप्न द्रष्टा : बंदा वीर बैरागी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अध्याय --- 7 " मैं तो आपका ही बंदा हूँ " रंग चढ़ा उस देश का मस्ती का चढ़ा नूर ।रब की मस्ती छा गई क्लेश भए सब दूर ।। लक्ष्मण देव से माधोदास बने बैरागी अब किसी दूसरे संसार में रहने लगे थे । इस संसार के भौतिक ऐश्वर्य…