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हिंदूराष्ट्र स्वप्नद्रष्टा : बंदा वीर बैरागी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-------------------------------------------अध्याय --- 12 तान कर सीना चला एक पुजारी कई दिनों से यज्ञ कर रहा था , किंतु उसे अपने इष्टदेव के दर्शन नहीं हो रहे थे। इसी बीच राजा विक्रमादित्य वहां से निकले जा रहे थे । उन्होंने पुजारी की ओर देखा तो उसके चेहरे पर छाए भावों को…